DR. A.P.J ABDUL KALAM

Dr. Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam, commonly known as A.P.J. Abdul Kalam, was born on October 15, 1931, in Rameswaram, Tamil Nadu, India. Here's a brief overview of his life and contributions:

1. **Education and Early Career:**
   - Abdul Kalam graduated in aeronautical engineering from the Madras Institute of Technology in 1958.
   - He joined the Defense Research and Development Organisation (DRDO) and later the Indian Space Research Organisation (ISRO).

2. **Missile Program and Pokhran-II:**
   - Dr. Kalam played a pivotal role in India's civilian space program and military missile development efforts.
   - He was the chief architect of India's first indigenous satellite launch vehicle (SLV) and the ballistic missile program, including the Agni and Prithvi missiles.
   - He served as the Chief Scientific Adviser to the Prime Minister and the Secretary of the Defence Research and Development Organisation (DRDO).

3. **Presidency:**
   - A.P.J. Abdul Kalam served as the 11th President of India from 2002 to 2007.
   - He was known as the "People's President" due to his down-to-earth and approachable nature.

4. **Writings and Vision for India:**
   - Dr. Kalam was a prolific writer and speaker, promoting education, science, and technology.
   - His book "Wings of Fire" is an autobiography that chronicles his life and career.

5. **Role in Education:**
   - After his presidency, Kalam focused on education and inspiring young minds.
   - He continued to deliver lectures at various institutions, encouraging students to pursue science and technology.

6. **Awards and Recognition:**
   - A.P.J. Abdul Kalam received several awards, including the Bharat Ratna, India's highest civilian award, in 1997.

7. **Death and Legacy:**
   - Dr. Kalam passed away on July 27, 2015, while delivering a lecture at the Indian Institute of Management Shillong.
   - His legacy lives on through his contributions to science, technology, and education, inspiring countless individuals across India.

A.P.J. Abdul Kalam is remembered not only for his scientific achievements but also for his humility, dedication to education, and his role as a true people's leader.

HINDI VIEWERS

डॉ. अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम, जिन्हें आमतौर पर ए.पी.जे. के नाम से जाना जाता है। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को भारत के तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में हुआ था। यहां उनके जीवन और योगदान का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:

 1. **शिक्षा और प्रारंभिक कैरियर:**
    - अब्दुल कलाम ने 1958 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया।
    - वह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और बाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल हो गए।

 2. **मिसाइल कार्यक्रम और पोखरण-II:**
    - डॉ. कलाम ने भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल विकास प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    - वह भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएलवी) और अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों सहित बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के मुख्य वास्तुकार थे।
    - उन्होंने प्रधान मंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सचिव के रूप में कार्य किया।

 3. **राष्ट्रपति पद:**
    - ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
    - अपने व्यावहारिक और मिलनसार स्वभाव के कारण उन्हें "पीपुल्स प्रेसिडेंट" के रूप में जाना जाता था।

 4. **भारत के लिए लेखन और दृष्टिकोण:**
    - डॉ. कलाम एक प्रखर लेखक और वक्ता थे, जो शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देते थे।
    - उनकी किताब "विंग्स ऑफ फायर" एक आत्मकथा है जो उनके जीवन और करियर का विवरण देती है।

 5. **शिक्षा में भूमिका:**
    - अपने राष्ट्रपति पद के बाद, कलाम ने शिक्षा और युवा दिमागों को प्रेरित करने पर ध्यान केंद्रित किया।
    - उन्होंने विभिन्न संस्थानों में व्याख्यान देना जारी रखा और छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।

 6. **पुरस्कार और मान्यता:**
    - ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न सहित कई पुरस्कार प्राप्त हुए।

 7. **मृत्यु और विरासत:**
    - 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्यान देते समय डॉ. कलाम का निधन हो गया।
    - विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शिक्षा में उनके योगदान के माध्यम से उनकी विरासत जीवित है, जो पूरे भारत में अनगिनत व्यक्तियों को प्रेरित करती है।

 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को न केवल उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए बल्कि उनकी विनम्रता, शिक्षा के प्रति समर्पण और एक सच्चे जन नेता के रूप में उनकी भूमिका के लिए भी याद किया जाता है।

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