AMISH

Amish Tripathi, widely recognized as Amish, is an Indian author known for his contemporary works of fiction, particularly in the mythological and historical fiction genres. Born on October 18, 1974, in Mumbai, India, he has become a prominent figure in Indian literature with his reimagining of Indian mythology and historical events.

Biographical Details:

Early Life: Amish grew up in a family with a deep love for books and literature. He pursued his education in Mumbai and completed his MBA from the Indian Institute of Management Calcutta.

Career Before Writing: Before venturing into the world of writing, Amish had a successful corporate career. He worked in the financial services industry and held leadership roles in renowned organizations.

Literary Journey:

Debut and the Shiva Trilogy: Amish made his literary debut with the novel "The Immortals of Meluha," published in 2010. This book marked the beginning of the immensely popular "Shiva Trilogy." The series reimagines the life of Lord Shiva, one of the principal deities in Hindu mythology, as a mortal and a warrior. The "Shiva Trilogy" went on to become a blockbuster, and the other two books in the series are "The Secret of the Nagas" and "The Oath of the Vayuputras."

Ram Chandra Series: Following the success of the "Shiva Trilogy," Amish embarked on a new series called the "Ram Chandra Series." This series includes books like "Scion of Ikshvaku," "Sita: Warrior of Mithila," "Raavan: Enemy of Aryavarta," and "The War of Lanka." These novels explore the life of Lord Rama and other key figures from the Indian epic, the Ramayana.

Other Works: In addition to the above-mentioned series, Amish has also written "The Immortal Talks," a book inspired by the teachings of Lord Shiva, and "The War of Naraka: The Demon Nation," a standalone novel.

Themes and Style: Amish's writing is characterized by its blending of mythology, history, and philosophy. He takes ancient Indian narratives and presents them in a contemporary and accessible manner. His works are known for their engaging storytelling and the thought-provoking reinterpretation of legends.

Public Speaking: Apart from his writing, Amish is a public speaker and has been a part of various literary festivals and events, where he shares his insights on literature, religion, and philosophy.

Legacy: Amish's novels have garnered a wide readership in India and around the world, contributing to the popularity of Indian mythological fiction and sparking discussions about the reinterpretation of ancient stories.

Amish Tripathi's literary journey showcases the power of storytelling to bring ancient wisdom to modern readers and has established him as a prominent contemporary Indian author. His works have made a significant impact on Indian literature and the genre of mythological and historical fiction.

HINDI VIEWERS 

अमीश त्रिपाठी, जिन्हें व्यापक रूप से अमीश के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय लेखक हैं जो अपने समकालीन कथा साहित्य, विशेष रूप से पौराणिक और ऐतिहासिक कथा शैलियों के लिए जाने जाते हैं। 18 अक्टूबर 1974 को मुंबई, भारत में जन्मे, वह भारतीय पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं की पुनर्कल्पना के साथ भारतीय साहित्य में एक प्रमुख व्यक्ति बन गए हैं।

 जीवनी संबंधी विवरण:

 प्रारंभिक जीवन: अमीश एक ऐसे परिवार में पले-बढ़े जिन्हें किताबों और साहित्य से गहरा प्रेम था। उन्होंने अपनी शिक्षा मुंबई में पूरी की और भारतीय प्रबंधन संस्थान कलकत्ता से एमबीए पूरा किया।

 लेखन से पहले करियर: 
लेखन की दुनिया में कदम रखने से पहले, अमीश का एक सफल कॉर्पोरेट करियर था। उन्होंने वित्तीय सेवा उद्योग में काम किया और प्रसिद्ध संगठनों में नेतृत्वकारी भूमिकाएँ निभाईं।

 साहित्यिक यात्रा:
 पदार्पण और शिव त्रयी: अमीश ने 2010 में प्रकाशित उपन्यास "द इम्मोर्टल्स ऑफ मेलुहा" से अपनी साहित्यिक शुरुआत की। इस पुस्तक ने बेहद लोकप्रिय "शिव त्रयी" की शुरुआत को चिह्नित किया। यह श्रृंखला हिंदू पौराणिक कथाओं में प्रमुख देवताओं में से एक, भगवान शिव के जीवन की एक नश्वर और एक योद्धा के रूप में पुनर्कल्पना करती है। "शिव त्रयी" एक ब्लॉकबस्टर बन गई, और श्रृंखला की अन्य दो पुस्तकें "द सीक्रेट ऑफ़ द नागाज़" और "द ओथ ऑफ़ द वायुपुत्रस" हैं।

 राम चंद्र श्रृंखला:
 "शिव त्रयी" की सफलता के बाद, अमीश ने "राम चंद्र श्रृंखला" नामक एक नई श्रृंखला शुरू की। इस श्रृंखला में "स्कोन ऑफ इक्ष्वाकु," "सीता: वॉरियर ऑफ मिथिला," "रावण: एनिमी ऑफ आर्यावर्त," और "द वॉर ऑफ लंका" जैसी किताबें शामिल हैं। ये उपन्यास भगवान राम और भारतीय महाकाव्य, रामायण के अन्य प्रमुख पात्रों के जीवन का पता लगाते हैं।

 अन्य कार्य: 
उपर्युक्त श्रृंखला के अलावा, अमीश ने भगवान शिव की शिक्षाओं से प्रेरित एक पुस्तक "द इम्मोर्टल टॉक्स" और एक स्टैंडअलोन उपन्यास "द वॉर ऑफ नरका: द डेमन नेशन" भी लिखा है।

 विषय-वस्तु और शैली: 
अमीश के लेखन की विशेषता पौराणिक कथाओं, इतिहास और दर्शन का मिश्रण है। वह प्राचीन भारतीय आख्यानों को लेते हैं और उन्हें समसामयिक और सुलभ तरीके से प्रस्तुत करते हैं। उनकी रचनाएँ उनकी आकर्षक कहानी कहने और किंवदंतियों की विचारोत्तेजक पुनर्व्याख्या के लिए जानी जाती हैं।

 सार्वजनिक भाषण: 
अपने लेखन के अलावा, अमीश एक सार्वजनिक वक्ता हैं और विभिन्न साहित्यिक उत्सवों और कार्यक्रमों का हिस्सा रहे हैं, जहां वह साहित्य, धर्म और दर्शन पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा करते हैं।

 विरासत: 
अमीश के उपन्यासों ने भारत और दुनिया भर में व्यापक पाठक वर्ग को आकर्षित किया है, जिससे भारतीय पौराणिक कथाओं की लोकप्रियता में योगदान हुआ है और प्राचीन कहानियों की पुनर्व्याख्या के बारे में चर्चा छिड़ गई है।

 अमीश त्रिपाठी की साहित्यिक यात्रा आधुनिक पाठकों के लिए प्राचीन ज्ञान लाने के लिए कहानी कहने की शक्ति को प्रदर्शित करती है और उन्हें एक प्रमुख समकालीन भारतीय लेखक के रूप में स्थापित करती है। उनके कार्यों ने भारतीय साहित्य और पौराणिक और ऐतिहासिक कथा साहित्य की शैली पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।

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